सर्वाधिकार सुरक्षित : - यहाँ प्रकाशित कवितायेँ और टिप्पणियाँ बिना लेखक की पूर्व अनुमति के कहीं भी प्रकाशित करना पूर्णतया अवैध है.

Followers of Pahchan

Nov 19, 2010

याद यही करता हूँ मैं ......



आखों मे थी नमी आज भी ...वजह वो है ,
बे- नूर था चहरा आज भी ...वजह वो है ,
बस बदले तो बदले हालत उसके और मेरे...
कल जो करती थी चुप मुझको  .....
तो मेरे चुप हो जाने की आज भी.... वजह वो है ...|


जब तनहा उदास होता हूँ मैं ...
चांदनी रात मे तनहा होता हूँ मैं ,
तब वो बन कर तकलीफ मेरी ...
छु जाती है मुझे ,
गीली हथेलियों से छुकर उसको ..
ओढ़ कर चादर रोता हूँ मैं ..|


उसके लफ्ज आज भी कानो चुभते हैं कहीं ,
चीर जाते हैं दिल को मेरे ..|
तब रखता हूँ दिल पर हाथ 
और मूंदता हूँ जो पलके अपनी ,
दुनिया सोचती है तब  ...थककर रोज ऐसे सोता हूँ मैं .|



अब गले मे कुछ अटका सा महसूस करता हूँ  मैं ,
आशिकों की महफ़िल मे खुद को मशहूर  करता हूँ मैं,
जो गिरती है बंद हथेली से रेत अक्सर ....
थामकर उस रेत को आज भी ..उसको बेवक्त याद करता हूँ मैं ..|




उसका वो 
मुझे छुना ... वो मुझी से अनजाना बन जाना ....याद यही अब करता हूँ मैं ,
प्यार की कसमे ..वादे और बातें ..... याद यही अब करता हूँ मैं ,
झुक जाता है आज भी ....याद मे उसकी.... जो सर मेरा ,
यादों की जिदगी इस  मे अब ,
तो याद बस उस याद को करता हूँ मैं.....|






No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...