सर्वाधिकार सुरक्षित : - यहाँ प्रकाशित कवितायेँ और टिप्पणियाँ बिना लेखक की पूर्व अनुमति के कहीं भी प्रकाशित करना पूर्णतया अवैध है.

Followers of Pahchan

Mar 19, 2011

Dear Diary


 कुछ ऐसी पंक्तियाँ जो कुछ अल्फाजो के साथ बहुत गहरी बातें कर जाती हैं अक्सर , मुझसे उम्मीद है आपको पसंद आएँगी | :-

1)   कभी ना असफल लिखा ,
      ना कामयाब लिखा ,
      पन्ना जो हूँ मैं ,एक किताब का ,
      उस पन्ने का एक भाग लिखा |

2)  उस रात में तुम जो आते  ,
     चाँद के परदे से तुम्हे ढक देती ,
     तुम यूँ सरे-शाम बदनाम ना होते |


3)  तेरा नाम भी कितना आजीब है ,
     शुरू हंसी में  करती हूँ ,
     आखिर में साँस उखड ही जाती है |


4)  बाज़ार में बेठे हैं बेचने को दिल ,
     मगर बेकार जो है ये ,
     तो खरीदार नही मिलता 


5)  बड़ी फरेब दुनिया है ,
     हंसकर जो मिलती हूँ  ,
     तो दगाबाज़ कहते हैं|


6)  लेके तस्वीर को उनकी , महफ़िल में ढूंढ़ते हैं ,
     मगर मिलता नही कोई   "पहचान का चेहरा |



BY: Anjali Maahil


2 comments:

  1. बहुत पसंद आयीं ये पंक्तियाँ.

    आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.

    सादर

    ReplyDelete
  2. लाजबाब....
    हमें भी शामिल करिए........
    " मैंने खुद को "मैं" कहना छोड़ दिया ...
    जब से उसने कहा ..तुम मेरे हो ...

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...